काँटों से घिरे चमन में
काँटों से घिरे चमन में
खुश्बू की तमन्ना न कर
रात के घने अंधेरों में
रौशनी की तमन्ना ना कर
– कमलेश कौशिक
काँटों से घिरे चमन में
खुश्बू की तमन्ना न कर
रात के घने अंधेरों में
रौशनी की तमन्ना ना कर
– कमलेश कौशिक
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nice one