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काश तुम चले आते!

चली आतीं है अक्सर यादें तुम्हारी

मगर तुम नहीं आते

की कोशिश कई दफ़ा भूल जाने की तुम्हे

मगर भूल नहीं पाते

 

आयीं राते पूनम की कई बार

मगर हुआ चांद का दीदार

कर दिया है हमने अंधेरा अपने आशियाने में

हम उजाला अब सह नहीं पाते

काश तुम चले आते |

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