किसी ने सूद

 
किसी ने सूद से भरी पुरवाइयां चुनी
किसी ने दर्द भरी शहनाइयां चुनी
हमें कुछ चुनने का हुनर न आता था
सो गम से लिपटी तन्हाईयाँ चुनी
राजेश’अरमान’

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किसी ने सूद

किसी ने सूद से भरी पुरवाइयां चुनी किसी ने दर्द भरी शहनाइयां चुनी हमें कुछ चुनने का हुनर न आता था सो गम से लिपटी…

Responses

  1. चुन चुनकर जमाने ने खुशियां चुनी……
    गम बेचारा तनहा ही रह गया!

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