Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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एहे बरस के सावन मे (भोजपुरी गीत)
सावन में सावन में, एहे बरस के सावन मे आवऽ न गोलकी झूला झूलाईं एहे बरस के सावन मे सावन में सावन में , एहे……………………………………..…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
जड़वा में रतिया
भोजपुरी गीत- जड़वा मे रतिया | कटले कटात नईखे जड़वा मे रतिया | गरिबिया मे जड़वा के अइली बिपत्तिया | सईया सांगवा रहते त रजईया…
गीत
रिमझिम बरसे सावन सजना। झूले लगे हैं मोरे अंगना।। सब सखियों के आए सजना। क्यों है सूना मेरा अंगना।। आजा अंगना के भाग जगा दे।…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
सुंदर रचना…
धन्यवाद
nice
Nice 👏👏
सुंदर प्रकृति चित्रण
एक विरहिणी की वेदना को प्रकट करती हुई सुंदर पंक्तियां