दीप जलाओ री सजनी
जगमग ज्योति जगा री सजनी, घर – बाहर सब होय उजाला। घनी अमावस की रतिया भी आज,लगे धवल चांदनी वाला।। मिट्टी का दीपक रूई की…
जगमग ज्योति जगा री सजनी, घर – बाहर सब होय उजाला। घनी अमावस की रतिया भी आज,लगे धवल चांदनी वाला।। मिट्टी का दीपक रूई की…
बस्सी पठाना पंजाब के पंडित विनय शास्त्री ‘ विनयचंद ‘ को काव्य रत्न और गोल्डेन बुक आॅफ वल्ड रेकार्ड से सम्मानित करते हुए डाॅ हरिसिंह…
अन्तर्राष्ट्रीय शब्द सृजन संस्थान गाजियावाद के तत्वावधान में आयोजित भारत रत्न विजेताओं के जीवन पर आधारित कालजयी ग्रंथ भारत के भारत -रत्न के भव्य लोकार्पण…
हे गुरुवर गुणशील आगारा। चरण कमल बन्दौं मैं तुम्हारा।। तेरी कृपा ने चलना सिखाया। जीवन के अंधकार मिटाया।। अग जग में किया उजियारा। चरण कमल…
ये गरमी कैसी जेठ की , चिल चिल करती धूप। ठंढी मीठी छांव में, क्या परजा क्या भूप।।
लता-बेल -सी माता होती, होते पिता बटवृक्ष महान। ठंढी मीठी सघन छांव में पलते जिनके सब संतान।। देकर जन्म ब्रह्मा कहलाए पालन कर बिष्णु बन…
ऊँचाईयों के दौर में हर कोई ऊँचा उठना चाहे। विनयचंद इस दौर में आखिर पीछे रहते हो काहे।। कर्म करो ऊँचाई पाओ औरों को नाहीं…
राम नाम रट मनवा मेरे जीवन सफल बना ले। नर देही न व्यर्थ गमाओ कुछ तो पुण्य कमा ले।। दुख दरिया है जीवन तेरा नित…
तुम्हारे नाम की मेंहदी लगाई उसने हाथों में। मेरे जज़्बात बन के रह गए इतिहास की बातों में।।
यारों ! ये कैसा कहर हो गया। बंद खिड़कियों का शहर हो गया।। बाहर बीमारी, भीतर लाचारी देख आबोहवा भी जहर हो गया।। मुँह पे…
प्रभु तुम्हारे चरणों में प्रातः वन्दन करता हूँ। जग का संकट दूर करो पीड़ित क्रन्दन करता हूँ।। व्याकुलता में सब जन तेरे कोरोना के मारे…
सुबह का चाय बड़ा हीं मीठा । मीठी सोच विचार भी मीठा।। गमी खुशी से दूर कहीं कवियों का संसार भी मीठा। सुप्रभात विनयचंद आखे…
गलियों को छोड़ हम इन्कलेभ में आ गए। छोटे छोटे घर आज महलों में छा गए।। दूर हो गए चाचे – ताए पड़ोसियों में छाया…
एक तूफान सा छाया है चारों ओर तुम्हारी गलियों में । ऐ भ्रमर मत उलझ काँटों से खुशबू अभी कैद है कलियों में।।
मत कर होड़ा होड़ी बीच सड़क तू चलने में। तेरा जीवन बेशकीमती फिर ना आना पलने में।।
होड़ा होड़ी आज सड़क पर , कुत्तों को दूध पिलाने की। कचड़े खाती गाय बेचारी हाय, कैसी सोच जमाने की ।। राहु केतू के चक्कर…
मैं मजदूरी करता हूँ समझो पेट के ख़ातिर। पर खून पसीने का मेरे मोल कहाँ सेठ के खातिर।।
हर गली में खड़ा है कोरोना कहर। मौत की आग में जल रहा है शहर।। राम तेरा सहारा जो मुझको मिले। हर घर में खुशी…
हर गली में खड़ा है कोरोना कसर। मौत की आग में जल रहा है शहर।। राम तेरा सहारा जो मुझको मिले। हर घर में खुशी…
रब की बनाई हवा है कितनी अनमोल। बिन आक्सीजन प्राण गया और पता चला है मोल।।
एक आँधी सी छाई चहुदिश बन दुश्मन द्वार कोरोना है। लाशें रो रही आज सड़क पर पीड़ित धरती का हर कोना है ।। विनयचंद एकांत…
निर्विरोध मास्क लगाना है। नहीं कोरोना से घबराना है।। अनावश्यक बाहर नहीं जाना है। घर में रहकर कोरोना को हराना है।। कोरोना भागेगा एक दिन…
🕉️ नव संवत है विक्रमी, अतिपावन मधुमास। राक्षस नाम धराया, पर आनन्द की आस।। १।। नव किसलय तरुवर सजा, चहुदिश नव उल्लास। जनम मास है…
घड़ी तो घड़ी है साधारण हो या फिर असामान्य। पर समय बड़ा हीं होता जग में सदा से असामान्य।। टिक – टिक करती सूई वाली।…
हाथ में रेखा रेखा में जीवन जीवनt रेखा हाथ में। पर है जीवन और मरन एक ईश्वर के हाथ में।। हाथ मिलाने से पहले सोच…
समन्दर की गहराइयों में उतर के देखो तो एक बार। बहुत से राज खुल जाएंगे जो छुपे हुए थे हरेक बार।। मोती भी हैं सीप…
ज़िन्दगी के सफर में कई हमराह मिलते हैं। कहीं पे वाह मिलते हैं कहीं पे आह मिलते हैं।। सफर में इश्क़ के कुछ विरले होते…
ज़िन्दगी के सफर में कई हमराह मिलते हैं। कहीं पे वाह मिलते हैं कहीं पे आह मिलते हैं।। सफर में इश्क़ के कुछ विरले होते…
जला दो नफ़रत की होलिका होली आई है खुशियाँ लेकर। मिटे अहंकार की सब बोलियाँ होली आई है खुशियाँ लेकर।। काले गोरे का भेद मिटाकर…
मेरी गुड़िया रानी आखिर क्यों बैठी है गुमसुम होकर। हो उदास ये पूछ रहे हैं तेरे खिलौने कुछ कुछ रोकर।। कुछ खाओ और मुझे खिलाओ…
वर स्वरुप में बमबम मालतीमालया युक्तं सद्रत्नमुकुटोज्ज्वलम्। सत्कण्ठाभरणं चारुवलयाङ्गदभूषितम्।। वह्निशौचेनातुलेन त्वतिसूक्ष्मेण चारुणा। अमूल्यवस्त्रयुग्मेन विचित्रेणातिराजितम्।। चन्दनागरुकस्तूरीचारुकुङ्कुमभूषितम्। रत्नदर्पणहस्तं च कज्जलोज्ज्वललोचनम्।। . भाषा भाव मालती बड़ माल शोभित,रत्न…
दुलहिन गिरिजा माता सुचारुकबरीभारां चारुपत्रकशोभिताम्। कस्तूरीबिन्दुभिस्सार्धं सिन्दूरबिन्दुशोभिताम्।। रत्नेन्द्रसारहारेण वक्षसा सुविराजिताम्। रत्नकेयूरवलयां रत्नकङ्कणमण्डिताम्।। सद्रत्नकुण्डलाभ्यां च चारुगण्डस्थलोज्ज्वलाम्। मणिरत्नप्रभामुष्टिदन्तराविराजिताम्।। मधुबिम्बाधरोष्ठां च रत्नयावकसंयुताम्। रत्नदर्पणहस्तां च क्रीडापद्मविभूषिताम्।। भाषा भाव केशपाश…
आया है मधुमास मास माघी का पावन। नव किसलय तरु शोभित क्या उपवन क्या कानन।। फूलों की क्यारी सज गई सारी रंग-बिरंगे फूलों से। कोयल…
आ गया वसन्त आज, फिर पतंग हम उड़ाऐंगे। कोकिलों की आवाज, मिल संग संग दोहराऐंगे।।
हवा चले जब ठंढी ठंढी। मनवा बोले तब हरि हरि।।
सिया राम जी केॅ चरण हमरा मन में रमल। जे हम हेती करिया भौरा पुष्प पराग मुख भरल ।। चरण छुवि हम नित नित जनम…
न नखरा करेंगे न इजहार करेंगे। हम तो सिर्फ वसन्त के आने का इंतजार करेंगे।।
आया माघ का महीना । लेकर खुशियाँ नवीणा। । संकटचौथ पहला त्यौहार। व्रत करे सब निर्जल धार।। गणपति जी की करे आराधन। माँ संकटा करे…
पूस गया ठण्ढी गई छाया नव उल्लास। कर सेवन त्रिवेणी तू आया पावन मास।। आया पावन मास माघ अतिसुखकारी। स्नान ध्यान पूजन कथा करे अपहारी।।…
तीन छात्र थे केवल कक्षा में। आ बैठ गए तीनों परीक्षा में।। प्रथम श्रेणी में पास किया एक दूजा द्वितीय दर्जे को पाया। तीजा तेतीस…
टन- टन टन- टन करते वो फेरीवाला आता था। गदा के जैसे डब्बा अपने काँधे पर ले आता था।। सिर पे टोपी गले में गमछा…
हमर देशक सिपाही हमर शान छै। देशक रक्षा में जिनकर प्राण छै।। नञ भोजन केॅ कोनो फिकीर छै। नञ छाजन केॅ कोनो फिकीर छै।। जाड़…
खुशियाँ अपार है प्यार का त्योहार है। वेहरे बीच आग जली लोहड़ी की बहार है।। गैया का गोबर पाथ-पाथ पाथी लिया बनाय। सुक्खा लक्कड़ काट-काट…
ठंढी का मौसम आया है। संग मेरा मान बढ़ाया है ।। पुलकित होकर कहता चाय। बार – बार सब मांगते चाय।। कभी खुशी कम हो…
अमृत बेला है अतिपावन। उठो रे तू छोड़ विभावन।। हरि का सुमिरन कर लो रे। सैर करो तू सुबह -सबेरे।। शीतल मंद हवा सुखदाई। योग…
एक निर्जीव -सी मोटर गाड़ी । शानो शौकत की बनी सवारी।। ये भी मांगे तेल और पानी। घिस गए पुर्जे हुई पुरानी।। अपने जैसा वंदा…
आखिर हिन्दी का विकास कैसे हो, एक विचारणीय विषय है। हिन्दी दिवस पर अपने मित्रों एवं सहकर्मियों को बधाई देकर एक औपचारिकता पूर्ण करने मात्र…
साहित्य के वो योद्धा तलवार नहीं उठाते । लड़ते जरूर हैं पर लड़ाकू नहीं कहाते।।
जाड़ा का मौसम बड़ा सुहाना। भाँति -भाँति के बनते खाना।। गाजर का हलुआ सबको प्यारा। खाओ मूंगफली भगाओ जाड़ा।। गाजर शलग़म मूली का अचार। बड़े…
आओ बच्चों तुम्हें सिखाए कविता लिखने की कला। कुछ शब्दों को ध्यान में रखो मिल जायेगी काव्य कला।। कल खल गल घल -घल घल ।…
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