Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
rajesh arman
हर निभाने के दस्तूर क़र्ज़ है मुझ पे
गोया रसीद पे किया कोई दस्तखत हूँ मैं
राजेश'अरमान '
Related Articles
ठंड हो जिस समय जिन्दगी में
कर सकूँ यदि भलाई नहीं, तो बुराई करूँ क्यों भला आपको दे सकूँ यदि नहीं कुछ तो खुटाई करूँ क्यों भला। हो अगर कोई मुश्किल…
हिन्दी गीत- तेरे रूप का सिंगार करूँ |
हिन्दी गीत- तेरे रूप का सिंगार करूँ | तेरे रूप का सिंगार करूँ | तुझपे दिल निसार करूँ | आंखो मे काजल लगा दूँ |…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
ऐसा कोई
जो मेरी आज़माइश नहीं, मेरी ख्वाइश पूरी करें, ऐसे किसी की चाहत है मुझे। जो मेरा साथ नहीं, बस मेरा थोड़ा वक्त मांगे, ऐसे किसी…
Srijan prakriti ka
सृजन प्रकृति का मनमोहक है बड़ा, इंद्रधनुषी रंगों से सजा ये दृश्य प्रकृति का, मनमोहक है बड़ा, ये नदियां अल्लड बाला सी, अठखेलियां करती हुई,…
वाह बहुत सुंदर