घर जले

इंसान में टसन की अग्नि बहुत है,
बढ़ते कदम को रोकने की जहोजहत बहुत हैं।
किसी का घर जले तो तापने वाले बहुत हैं,
सुखी परिवार को देख कर जलने वाले बहुत हैं।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

पुनर्विवाह (Part -2)

पुनर्विवाह (Part -2) विवाह संस्कार अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण हैं, किसी भी महिला के लिए विधवा होने के दर्द से बड़ा दर्द, दुनिया में…

Responses

New Report

Close