चंद यादें

poetry-on-picture3

वो दिन थे ये भी दिन हैं वो बचपन था ये जवाँ उम्र ,
ता उम्र रहेगी याद हमें वो बचपन की प्यारी यादें,

नभ में बादल छा जाते ही हम बारिश की राह तका
करते थे ,
सतरंगी इन्द्रधनुष को देख देख अतरंगी स्वप्न बुना
करते थे ,
कागज की नावों में सवार हो भंवरों को पार किया
करते थे ,
वो नाँव नहीं वो स्वप्न मेरे जो पानी पर तैरा करते थे ,

बचपन की सारी यादों को जवाँ उम्र जज्बातों को कागज की नाँव समेटे हैं
वो वक्त कहाँ है छूट गया लगता है मुझसे वो रूठ गया ,
आज फिर मैं उसे बुलाऊँगा सपनों के दीप जलाऊँगा,
पर उन गलियों और चौबारों को मैं कहाँ ढ़ूढ़ फिर पाऊँगा
उन जिगरी बिछड़े यारों को मैं कहाँ ढ़ूढ़ फिर पाऊँगा ,

घनघोर घटा फिर छा जाये यादों की बारिश हो जायें ,
सब यादों को मैं समेट लूँ जज्बातों को भी सहेज लूँ ,

बस एक बार फिर बादल हो बस एक बार फिर बारिश हो,
बस एक बार फिर नाव वहीं हो ख्वाबों को ले संग साथ बही जो,

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

ये सतरंगी इन्द्रधनुष

ये सतरंगी इन्द्रधनुष सात रंग से सज-संवर कर आया अति सुन्दर सतरंगी इन्द्रधनुष बरखा बरसे तब दिखता है, अम्बर में यह इन्द्रधनुष सप्तवर्ण यह इन्द्रधनुष…

Responses

New Report

Close