चल कहीं

चल कहीं नदिया किनारे,
प्रिय नयन,सुन्दर चितवन

नैनों में दमके,तेरे काजल
है मेरा मन ऐ पागल

जब बजती तेरी पायल
झूमे जहाँ बस चाँद तारे

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर वह भजन हैं तेरे लिए अमृत तुल(तुल्य) (2 बार गाये) ————————————————————————– जिस भजन को सुनके…

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