Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
लेख:- ब्राण्डेड बुखार
लेख:- ‘ब्राण्डेड बुखार’ आजकल हर व्यक्ति अपने निजी काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करने मे विश्वास रखता है। सबसे ज्यादा ध्यान तो इस…
Happy Birthday To u Kirti Mam
Happy Birthday to You Happy Birthday to You Happy Birthday to You Dear Mam Happy Birthday to You भगवान से प्रार्थना है कि वह आपको,…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
गजल- सोचा न था |
गजल- सोचा न था | ठुकरा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था | दगा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था |…
थोड़ा टाइपिंग मिस्टेक हुई है शीर्षक है
चल गए जीवन के चरखे
बादिया सी जिंदगी में
आप बादल बन के बरसे,
खूब हरियाली सजा दी
जिंदगी के रोम हरषे।
ख्वाब में सोचा न था
आपको पाएंगे हम
आपके आने से सचमुच
चल गए जीवन के चरखे।
शब्दार्थ –
बादिया – उजाड़ सी
बहुत ही जबरदस्त लिख रहे हैं, आजकल आप, वाह
थैंक्स जी
Nice lines
Thank you ji
बहुत ही सुन्दर
सादर धन्यवाद जी
Nice one
Thanks
Very nice lines
Thank you ji
बहुत ही सुन्दर अलफाजो में सजाया है आपने ।बहुतही सुन्दर
इतनी सुंदर समीक्षा हेतु हार्दिक धन्यवाद सुमन जी
वाह सर, बहुत सुंदर काव्य रचना है। उपमा अलंकार का बहुत ही खूबसूरती से प्रयोग किया है सतीश जी।
“बादिया सी ज़िन्दगी में आप बादल बन के बरसे”…वाह
आपके द्वारा की गई उत्साहवर्धन समीक्षा से लेखनी को बल प्राप्त हुआ है। आपको बहुत बहुत धन्यवाद गीता जी।
अतिसुंदर भाव
सादर सादर धन्यवाद जी