चाँद के शौक मे

चाँद के शौक मे तुम छत पे चले मत जाना
शहर में ईद की तारीख बदल जाएगी

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

“तारीख”

“तारीख” ********* “तारीख”…!! हाँ.! वही तारीख़…वही माह…! बस वर्ष बदल गया… तुम्हारी तरह ! तारीख़ रह गया…मेरी तरह ! नहीं बदल पाया वो… इस गतिमान…

#‎_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है‬

‪#‎_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है‬ _______**********************__________ कुछ अजीब सा माहौल हो चला है, मेरा “वाड्रफनगर” अब बदल चला है…. ढूंढता हूँ उन परिंदों को,जो बैठते थे कभी घरों के…

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