Categories: शेर-ओ-शायरी
Mukul Gagrani
Hi, This is Mukul!
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पत्थरों की तरह आदतें हो गयीं
हम भी रोये नहीं मुद्दतें हो गयीं। पत्थरों की तरह आदतें हो गयीं। जबसे बेताज वह बादशाह बन गया, पगड़ियों पर बुरी नीयतें हो गयीं।…
आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी
हंसी ख़ुशी कहीं ,गम की वादियों में खो गयी आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी दूसरों की सफलता पर ,जो बजती थी तालियाँ…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
होली, रुत पर छा गयी है
होली, रुत पर छा गयी। मस्तों की टोली आ गयी।। लाज़ शरम तुम छोड़ो। आज मुख मत मोड़ो।। दिल को दिल से जोड़ो। झूम कर…
निगाहों में आ गयीं
शाम फिर खिसक कर, निगाहों में आ गयी बांते कुछ उभरकर, आंखों में छा गयीं अब रात हो रही है, मैं कहाँ ही अकेला हूँ…
nice one mukul!
बहुत ही सुंदर