Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
कविता – बरखा तुम आओ
कविता – बरखा तुम आओ मिटे जलन तपन गर्मी बरस तुम जाओ | मनाए हम उत्सव तेरा बरखा तुम आओ | तप रहे खेत ताल…
सूखी धरती सूना आसमान
सूखी धरती सूना आसमान, सूने-सूने किसानों के अरमान, सूख गयी है डाली-डाली , खेतों में नहीं हरियाली, खग-विहग या हो माली, कर रहे घरों को…
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