जब भरोसा उठ जाए, तो खुद के पास खुदा रखना
तुम अपने गिर्द हिसारों का सिलसिला रखना
मगर हमारे लिये कोई रास्ता रखना
ज्यादा देर तक जुल्म नहीं सह सकता मैं
अब अगर आयें कडे दिन तो दिल कडा रखना
तुम्हारे साथ सदा रह सकें जरूरी नहीं
अकेलेपन में कोई दोस्त दूसरा रखना
वो कहते हैं न कि जिसका कोई नहीं खुदा होता है
जब भरोसा उठ जाए, तो खुद के पास खुदा रखना
good one
thanks
वाह
तुम्हारे साथ सदा रह सकें जरूरी नहीं
अकेलेपन में कोई दोस्त दूसरा रखना
कवि ने इन पंक्तियों में शानदार भाव प्रकट किए हैं