‘जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव’

हिमाचल के इस मंदिरों के ज़रूर करें दर्शन, मिलेगा सभी कष्टों और दुखों से छुटकारा
जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव
हिमाचल की खूबसूरती को तो सभी जानते हैं| मगर हिमालय की गोद में बहुत से मंदिरों का समावेश है जहां एक बार दर्शन के लिए सबको ज़रूर जाना चाहिए| इस जगह को “देव भूमि” भी कहा जाता है। पूरे हिमाचल प्रदेश में 2000 से भी ज्यादा मंदिर हैं | तो चलिए आपको बताते हैं यहां के इस मंदिरों के बारे में।
आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव……
ये एक शिव पुराण मंदिर है जो कि जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव के नाम से प्रसिद्ध है, जिला कांगड़ा के देहरा गोपीपुर उपमंडल मुख्यालय से 9 किलोमीटर की दूरी पर शिव मंदिर जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव का विशेष महत्व है। शिवरात्रि पर इस मंदिर में हिमाचल प्रदेश के अलावा पंजाब, लुधियाना एवं जालंधर से भी श्रद्धालु आते हैं। यहां कई सालो से शिवरात्रि के साथ रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, श्रवण मास महोत्सव, शरद नवरात्रि व अन्य समारोह मनाए जाते हैं। शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार गाय खुद जाकर भगवान शिव के शिवलिंग पर अपने दूध से रोज अभिषेक करती थी। ऐसी मान्यता है की एक गाय रोज अपना दूध चढ़ा कर चली जाती थी। बताया जाता है कि यहां गाय जब इस शिला/पत्थर के पास जाती थी, तो उसके थनों से अपने आप दूध की धारा बहने लगती थी, जिसे वह शिला/पत्थर के उपर चढ़ा देती थी।
इस मंदिर की आधिकारिक जानकारी प्राप्त करने के लिए और देव की उत्पति और सम्पूर्ण कहानी पढ़ने के लिए कृपया हमारी वेबसाइट http://khaspaisa.blogspot.com पे क्लिक करें। या फिर गूगल में जाकर जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव लिख कर सर्च करें……..
जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव से जुड़ी कई जगहों की कहानियां और किस्से अभी भी लोगों तक नहीं पहुंच पाए हैं……….
देवों के देव-महादेव (जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव) जिसका संबंध भी शिव की एक दिव्य शक्ति से है। भगवान शंकर की पूजा के लिए पूरे देश भर में देवघर स्थित जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव विख्यात है
शिव के भक्त महाशिवरात्रि के दिन व्रत रख विशेष पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन रात्रि भर जागरण करने की भी परंपरा है श्रद्धालु भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए लोग जल, पुष्प और दूध से अभिषेक कर रहे हैं। श्रद्धालु पूरे उत्साह और उमंग के साथ से श्रद्धालुओं में होली के उमंग की शुरूआत देखने को मिलती। सावन सोमवार और महाशिवरात्रि, होली, जन्माष्टमी में यहां इन दिनों में मेले लगते है। चारो तरफ खुशियों की लहर और धार्मिक गाने इस मंदिर को चार चाँद लगा देते है। इस मौके पर मंदिर को सुंदर और आकर्षक लाइटों से सजाया जाता है।
जहां सावन के महीने में श्रद्धालुओं और शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, भोलेनाथ भगवान शिव की महिमा और कृपा के लिए एक और धाम प्रसिद्ध है
शिवलिंग के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा अर्चना और जलाभिषेक करने से न सिर्फ मनचाही मुरादें पूरी होती है बल्कि सुयोग्य वर यानि की पति और संतान की प्राप्ति भी होती है… मंदिर के बारे में लोगों की ऐसी आस्था है कि यहां प्रसाद चढ़ा कर पूजा अर्चना करने से मन्नते पूरी होती है
देहरा गोपीपुर जिले के कसेटी गांव स्थित जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव मंदिर में सावन सोमवार और महाशिवरात्रि, होली, जन्माष्टमी के मौके पर श्रद्धालुओं का पूजा के लिए आते है. यह हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा (Kangra) जिले में कसेटी (Kaseti) गांव पौराणिक स्थानों में से एक है. यहां स्थित जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव मंदिर में भगवान शिव का शिवलिंग, शनि देव, हनुमान जी, शनि देव, ब्रह्मा, विष्णु शिव मंदिर देखने को मिलता है. राधा कृष्ण, भगवान विष्णु लक्ष्मी, मां दुर्गा, शिव परिवार की मूर्तियां स्थापित हुई। यहां दूर दराज से श्रद्धालु भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं. खासकर सोमवार के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है.
आइए मैं आपको इस मंदिर की वास्तविक कहानी बताती हूँ…….
इस मंदिर की बहुत मान्यता है। हर परिवार के लोग शुभ कार्य में महादेव का आशीर्वाद लेने आते हैं। मंदिर के साथ ही मेरा घर है। मेरी माता जी शिव भगवान को बहुत मानती है। मेरी माँ भगवान शिव की सच्ची श्रद्धा के साथ नाम लेते है उनकी सच्ची श्रद्धा से पूजा करता है मेरी माँ का कहना है कि जो लोग भगवान शिव के नाम बार-बार लेता और सच्ची श्रद्धा से उनका ध्यान करता हैं उन सब की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं……
एक समय की बात थी। जब मैं बहुत छोटी थी, 10/12 साल की थी और मेरी दीदी 16/17 साल की थी। मेरी दीदी हर रोज 5.30 बजे ट्यूशन (Tuition) पढ़ने के लिए दूसरे गाँव में जाती थी। और जब वो 7.00 बजे ट्यूशन (Tuition) से आते थे तो उस समय अंधेरा हो जाता था कभी मम्मी, कभी पापा जी दीदी लेने के लिए जाते थे। ट्यूशन (Tuition) पढ़ने के लिए दीदी 2/3 महीने तक दूसरे गाँव में जाती रही। जिस दिन दीदी का सुबह में final exam था उस के पिछले दिन 7.00 बजे ट्यूशन (Tuition) से आते उस समय मेरी दीदी को ऐसा लगा पैर में कांटा लग गया है। दीदी ने पापा को बताया क्योंकि पापा दीदी को लेने गए थे। पापा ने दीदी के पैरों की और विद्युत प्रकाश
टॉर्च (Electric Light) दिया, देखा सांप ने दीदी को अपना डंक मार दिया था। जैसे -तैसे कर के पापा दीदी को अपनी गोद में उठा कर घर ले आए।
उसी दिन इस ओर मेरी दादी जी घास काटे के लिए खेतों में गए, मै और मेरा भाई घास लेकर आ रहे थे और मम्मी गाये का दूध निकल रहे थे। मेरे से बड़े वाली दीदी खेतो से दौड़ते हुए घर की ओर आ रही थी और दीदी ने बताया दादी जी को जहरीली जंगली मक्खी ने काट लिया है……
मेरी मम्मी को घरेलु उपाय कर रहे थे। पापा ने मम्मी को बताया की दीदी को सांप ने काटा लिए है तो हम सब के होश ही उड़ गए। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था या यु कहे कि अब कोई नहीं जानता था कि आगे क्या करना है दूसरी ओर 15 मिनट के अन्दर -2 दीदी की हालत बहुत खराब हो गई थी। दीदी का पूरा शरीर फूल गया। क्योंकि दीदी को एक जहरीले सांप ने काटा था। जहर तेजी से फैल रहा था। मेरी मम्मी और पापा जल्दी से शिव अर्थात जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव मंदिर ले गए। गांव के आस-पास जितने लोगों को पता चला वो दीदी को देखने मंदिर आ गए और अपनी -2 सलाह दे रहे थे। मेरे चाचा जी ने किसी साँप के काटे का झाड़-फूँक से इलाज़ करने वाले आदमी के पास फ़ोन किया और हमारा घर से वो आदमी बहुत दूर होने के कारण उसके फ़ोन से झाड़-फूँक से इलाज़ किया पर दी पर कोई असर नहीं हो रहा था। पर मेरी मम्मी जी इन सब के बीच में महादेव से मन्नत मांगी और मंदिर की परिक्रमा कर रही थी। माँ और दादी जी जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव मंदिर में भगवान शिव की ना जाने कितनी परिक्रमा लगाए जा रहे थे। और शिव मंदिर में माँ हर-हर महादेव, बोलबम का जयकारा लगाते रहे। मेरी मम्मी ने साथ -2 डॉक्टरी इलाज भी करवा रहे थे। डॉक्टर ने बताया कि जहरीले सांप ने एक बार नहीं बल्कि दो मार डंक मारा है। मेरी मम्मी ने जी जान लगाकर दी को बचने की कोशिश की डॉक्टर लोगो ने भी दी के लिए, I am sorry बोल दिया था अब भगवान से ही प्रार्थना करे कुछ चमत्कार हो जाए। देखो मेरे भोले बाबा का चमत्कार मेरी दीदी ने पेपर भी दिया और मौत के मुंह से वापस भी आ गए। अब दोनों मेरी दीदी और दादी जी सही सलामत है जय भोले नाथ हमारे परिवार को बुरी नजर से बचाए रखना…..
जब मेरे दीदी अस्पताल से ठीक हो कर घर आ गये तो मेरी मम्मी पुरे परिवार सहित शिव मंदिर गए और हर-हर महादेव जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव के जयकारों के साथ भगवान शिव का जल, दूध, प्रसाद आदि से अभिषेक कर पूजा अर्चना की व भोलेनाथ के दर्शन किये और पुरे परिवार की सलामती के लिए दुआ मांगी……
जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव भगवान शिव की कृपा आप और आपके पूरे परिवार पर निरंतर बनी रहे और आपकी कृपा हम पर बनी रहे और उनके आशीर्वाद से सभी उन्नति एवं खुशहाली के पथ पर बढ़ते रहें। हर हर महादेव

भगवान शिव के ‘जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव’ नाम में बड़ी से बड़ी विपत्ति को टालने की शक्ति है. जितना ज्यादा शिव के इस नाम का जप करेंगे उतना ही ज्यादा लाभ होगा………..
मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान के ‘शिव’ नाम का ही जाप करें. शिव जी का ध्यान करते हुए ‘शिव’ नाम का जाप करने का फल ज़रूर मिलता है हर हर महादेव
हर हर महादेव
नृत्य वह भक्ति है जिसमे लीन होने के पश्चात् आप नृत्य के सिवाय और कुछ नहीं जानते……………….

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Responses

  1. तेरे रूप अनेक है बाबा, तेरे रूप अनेक
    प्यास नही मिटी देखन की, पल पल तुमको देख
    हाड़ मांस के पुतले है हम, बाबा तुम अविनाशी
    शरण मे ले लो शरणागत हम, हे देवो के देव

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