जिन्हें याद करके

**जिन्हें याद करके “** मंगलकामनाएँ
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जिन्हें याद करके , हृदय नाच उठता,
नहीं और कोई , वे हैं मित्र मेरे ।

हर इक दुख और सुख में ,
सदा साथ रहते ,
करें एक दूजे के हरपल ,
दिल में बसेरे ।
कभी भी न छू पाए ,
स्वारथ की परछाँई ,
चाँद सूरज से हैं मित्र ,
डरते हैं अँधेरे ।

जिन्हें याद करके, हृदय नाच उठता ,
मेरे मित्र हैं चमचमाते सवेरे ।

प्यारे मित्रो ,
सपरिवारसहर्ष
मित्रतामय सवेरे की मंगलकामनाएँ
स्वीकार करें ।

आपका अपना मित्र
जानकी प्रसाद विवश

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