Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: kavita

Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
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नज़र ..
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आज़ाद हिंद
सम्पूर्ण ब्रहमण्ड भीतर विराजत ! अनेक खंड , चंद्रमा तरेगन !! सूर्य व अनेक उपागम् , ! किंतु मुख्य नॅव खण्डो !! मे पृथ्वी…
kya baat he sir!
nice
दर्द का समन्दर पलकों में उतर आएगा ….. Dard diya bhee aur Dard Liya bhee……Nice bhai saheb
Good