Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
तुम कल मेरे घर
तुम कल मेरे घर आना जानम होली है थोड़ा घूंघट करके आना जानम होली है
मेरे गांव में होने लगा है शामिल थोड़ा शहर:द्वितीय भाग
======= हाल फिलहाल में मेरे द्वारा की गई मेरे गाँव की यात्रा के दौरान मेने जो बदलाहट अपने गाँव की फिजा में देखी , उसका…
मेरे गाँव में होने लगा है शामिल थोड़ा शहर [प्रथम भाग】
इस सृष्टि में कोई भी वस्तु बिना कीमत के नहीं आती, विकास भी नहीं। अभी कुछ दिन पहले एक पारिवारिक उत्सव में शरीक होने के…
प्रेम का पागल
तुम फूल हो तो मैं कोई काँटा नहीं जानम। तेरा स्पर्श कोमल है मेरा चाँटा नहीं जानम।। तुम चाँद हो नभ के, मैं चकोर हूँ…
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