तेरा इशक

मेरा इशक तेरे मन में सिमटा हुआ परिंदा

              तेरा इशक मेरे मन को अपने संग ऊङाता हुआ परिंदा

मेरा इशक तेरे आँचल में सिमटी हुई मेरी रूह

              तेरा इशक मेरी रूह में सिमटी हुई तेरी रूह

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close