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दुनिया हैं जनाब

रंग-बिरंगे नज़ारे हैं बेहिसाब.. खो न जाना इन नज़ारो में.. ज़रा सम्भलना, यह दुनिया हैं जनाब। साथ बैठ के खाते जिस संग, वहीं दगा कर…

गफलत

जो भी जी में आए फेकिए जनाब तवा पे अपनी रोटी सेकिए जनाब गाय के नाम पे इंसानों को बाँटिए फिर तमाशा गौर से देखिए…

नकाब

एक नकाब है चेहरे का ,दूसरा नकाब है हिजाब का। हमने कयी गुलाब देखे है पर ,देखा न चेहरा जनाब का।।

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