न माथे पे
न माथे पे कोई बिंदिया
न हाथों में कोई कंगन
न होठों पे कोई लाली
न पोशाक में तेरी खुश्बू
न जुल्फें सवरी हुई
न माथे पे कोई टीका
न आँखों में काजल
न पैरों में है पायल
न हिना की महक
आ तुझे प्यार करूँ
ज़िंदगी तू सज के तो आ
राजेश ‘अरमान’ १२/११/१९८९
Good
Awesome