फर्क सिर्फ इतना थ
उसने बन्दूक उठाई , मैंने कलम
उसने गोली चुनी , मैंने शब्द
उसने खून बहाया , मैंने आंसूं
उसने घर जलाये , मैंने दिल
उसने दीपक बुझाया , मैंने उसे जलाया
उसने लोगों को सुलाया , मैंने लोगों को जगाया
वो बदनाम हुआ , मेरा नाम हुआ
वो कैद हुआ , मैं आज़ाद हुआ
उसे फांसी मिली , मुझे फांस
हम दोनों एक ही तो थे
बस उसने बन्दूक उठाई मैंने कलम।
bahut khoob anurag ji
Thanx a lot Nirmal Ji
Nice
Nice