“फुरसत” #2Liner-97 Ankit Bhadouria 8 years ago ღღ__कई बार खुद को, यूँ भी बहलाया है हमने “साहब”; . कि वो आते तो ज़रूर, मगर फुरसत ही कहाँ होगी!!…..#अक्स