बाद मुद्दत के मिला तो—–

‘बाद मुद्दत के मिला तो लिपट—लिपट के ​मिला, रोज मिलने से तो ये मिलना बडा अच्छा लगा।’ …..सतीश कसेरा

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हार जाने की खुशी

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