Categories: हिन्दी-उर्दू कविता

Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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मुक्तक
दर्द तन्हा रातों की कहानी होते हैं! तड़पाते हालात की रवानी होते हैं! कभी होते नहीं जुदा यादों के सिलसिले, दौरे-आजमाइश की निशानी होते हैं!…
क्या कभी किसी को देखा है ?
क्या कभी किसी को देखा है ? दर्द से छटपटाते हुए। क्या कभी सुना है तुमने किसी को चुप-चाप चिल्लाते हुए। कठिन बड़ा है उस…
एक सावन ऐसा भी (कहानी)
किसी ने कहा है कि प्रेम की कोई जात नहीं होती, कोई मजहब नहीं होता ।मगर हर किसी की समझ में कहां आती है…
देश के इसी हालात पर रोना है
देश के इसी हालात पर तो रोना है, 69 साल हो गए आजादी के फिर भी आँखें भिगोना है, रो रहा कोई रोटी को और…
यूं तेरी रहगुज़र से दीवानावार गुज़रे
यूं तेरी रह गुज़र से दीवाना-वार गुजरे कांधे पे अपने रख के अपना मज़ार गुजरे बैठे रहे रस्ते में , दिल का खंडहर सजा कर…
Bahut kHoob Mithlesh JI
Good
Achhi abhivaykri
Abhivyakti