Categories: शेर-ओ-शायरी

Abhishek Tripathi
Hi everyone. This is Abhishek from Varanasi.
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मेरे साकी
तुम्हारी चाह ही मंज़िल हमारी ए मेरे साकी,ज़रा अब तो पिला दे न , तमन्ना अब भी है बाक़ी.मेरे साकी तेरे आँखों की मदिरा क्या…
जहर पिला दो
कविता-जहर पिला दो —————————– जहर पिला दो जहर खिला दो मम्मी पापा उपकार करो जन्म नहीं देना मम्मी दर्द मेरा एहसास करो मुझ नन्हीं बच्ची…
प्रेम का संदेश दें
अपनी खुशियों पर रहें खुश दूसरों से क्यों भिड़ें, बात छोटी को बड़ी कर पशु सरीखे क्यों लड़ें। जिन्दगी जीनी सभी ने क्यों किसी को…
बचपन की यादें
ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना… कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना, वो अपने बाल खुद न काढ़ पाना, पी टी शूज…
awesome sir ji
aabhar,..
Wah