मुक्तक 26

तेरी आँखों से पीनी है, मुझे अब रात भर साकी ,

ज़रा अब फिर पिला दे न , तमन्ना अब भी है बाक़ी.

…atr

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तुम्हारी चाह ही मंज़िल हमारी ए मेरे साकी,ज़रा अब तो पिला दे न , तमन्ना अब भी है बाक़ी.मेरे साकी तेरे आँखों की मदिरा क्या…

जहर पिला दो

कविता-जहर पिला दो —————————– जहर पिला दो जहर खिला दो मम्मी पापा उपकार करो जन्म नहीं देना मम्मी दर्द मेरा एहसास करो मुझ नन्हीं बच्ची…

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