मुक्तक

मैं हार कर भी तेरी कहानी की तरह हूँ।
मैं हार कर भी तेरी निशानी की तरह हूँ।
मैं ठोकरें खाता रहा हूँ उम्र भर लेकिन-
मैं जोशे-ज़िन्दग़ी में ज़वानी की तरह हूँ।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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