मेरे पथ प्रदर्शक
बबीता मैम ,
बहुत सारे शिक्षकों का मुझे मार्गदर्शन प्राप्त हुआ परन्तु आपनें मुझे जीवन जीना सिखाया आपने ।
मैं तो कुछ भी नहीं थी परन्तु आपने मेरी सुप्तावस्था की क्षमताओ को उजागर किया आपने ।
मुझपे जितना विश्वास खुद नहीं था, उससे कहीं ज्यादा मुझपे विश्वास जताया आपने ।
मैं बहुत दूर हूँ, नम्बर नहीं की बात कर सकूँ, परन्तु फिरभी मेरे मन के करीब रहना सिखाया आपने ।
आज भी निराशाओं की घङी में आपकी कही बातों से प्रेरित होना सिखाया आपने ।
“मैम जहाँ भी हैं आप हमेशा अपने परिवार के साथ खुश रहे ”
Happy teacher day
सुमन जी बहुत खूबसूरत लिखा आपने
बहुत बहुत धन्यवाद
कितने अंधेरे झेल कर,
खुद रोशनी में जलते है|
कैसे अंधेरे में जीने दे,
जो खुद कभी अंधेरे देखे हैं|
ये पंक्तियाँ बहुत ही सुन्दर हैं
बहुत बहुत धन्यवाद
अपनी आदर्श शिक्षिका को प्रस्तुत बेहतरीन पंक्तियाँ
क
बहुत बहुत धन्यवाद सर
अपनी शिक्षिका की याद करने का अनूठा अंदाज़ है आपका सुमन जी। बहुत सुंदर
अतिसुंदर भाव