लफ़्ज
समझदार हूँ मैं लफ्जों का असर जानता हूँ ,नश्तर सा चुभते हैं दिल में इनका दर्द जानता हूँ,
हर बात बयाँ करने के लिये लफ्ज ही काफी नहीं,खामोशी भी होती हैै असरदार जानता हूँ
समझदार हूँ मैं लफ्जों का असर जानता हूँ ,नश्तर सा चुभते हैं दिल में इनका दर्द जानता हूँ,
हर बात बयाँ करने के लिये लफ्ज ही काफी नहीं,खामोशी भी होती हैै असरदार जानता हूँ
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खामोशी भी होती हैै असरदार जानता हूँ……absolutely !!
Dhanyabad
asardaar kavita
Dhanyabad
shaandaar lines
Dhanyabad
pleasant poem!!
Thank you
nice
Thank you
लाजबाव रचना
Good
Nice