Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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शमा ने परवाने की क्यों राख मांग दी, जलते हुए परवाने ने भी फिर आग लांघ दी, ये देखते हुए सिख लो अब तुम भी…
आज जाने की ज़िद ना करो
सोचो कभी तुमसे मुलाकात हुई तो आमने सामने तुम और मै इतने अभिमान कितने शर्म सोचो कभी तुमसे मुलाकात हुई तो और तुम किसी और…
तेरा मेरा रिश्ता
तेरा मेरा रिश्ता यूई की आंखों से बहते आँसुओं को रूह की नजर से देख यह आँखें मेरी हैं पर आँसू तेरे हैं इन आंसुओं…
बारिश
बारिश के बूंदों से याद आती हैं वोह सौंधी सी खुश्बू जो मन को भाती थी वोह गली वोह नुक्कड़ जिनमे ख्वाब देखा था जेब…
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कुछ दीवाने थे , कुछ परवाने थे- इस महफ़िल में, शमां को जलाने के लिए सब थे बेताब- इस महफ़िल में . दर्द रक्काशा का…
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