शमा ने महफिल दूर् स्जायी

हम तो वोह परवाने है

जो शमा का दम भरते है

शमा ने महफिल दूर् स्जायी

हम इसका कब गम करते है

 

                  …… यूई

Related Articles

बारिश

बारिश के बूंदों से याद आती हैं वोह सौंधी सी खुश्बू जो मन को भाती थी वोह गली वोह नुक्कड़ जिनमे ख्वाब देखा था जेब…

Responses

New Report

Close