Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
जय शिवशंकर गौरीशंकर
जय शिवशंकर गौरीशंकर पार्वतीशिव हरे-हरे (2) रामसखा प्रभु राम के स्वामी, विष्णुवल्लभ भोलेनाथ । जय शिवशंकर गौरीशंकर, पार्वतीशिव हरे-हरे (2) ।।1।। कैलाशपति प्रभु औढ़रदानी, नीलकंठ…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
“प्यार वाली खिड़की”
एक ही तो खिड़की थी जिससे दीदार हो जाता था खिड़की खोलने-बंद करने में ही इजहार हो जाता था आज वो भी बंद कर दी…
वाह बहुत सुंदर रचना