Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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कविता : मोहब्बत
नदी की बहती धारा है मोहब्बत सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत सागर की गहराई सी है मोहब्बत निर्जन वनों की तन्हाई सी है…
मित्रता का महकता रहे चंदन
*फागुनी सवेरे का अभिनन्दन “* ^^^^^^^^^^^^^^^^-^^^^-^ मित्रता का महकता रहे चंदन , मित्रता का मन करे वंदन. । अमर रहें मित्रता कोष मे , जग…
शीत के सवेरे में
शीत के सवेरे में , गरमागरम राम राम , भज ले मन राम राम , बन जायें बिगड़े काम। पल भर निर्मल मन से जोभी…
इन्द्र धनुषी-अभिवादन
“**इन्द्र धनुषी-अभिवादन”** *************** मित्रता का महकता रहे चंदन , मित्रता का मन करे हर पल वंदन. । अमर रहें मित्रता के अक्षय कोष मे ,…
हवा के नर्म परों पर सलाम लिखती हूँ
हवा के नर्म परों पर सलाम लिखती हूँ गुलों की स्याही से जब जब पयाम लिखती हूँ बड़ा सहेज के रखती हूँ तेरे खत सारे…
Nice
बेहतरिन है
Good