संवर कर

संवर कर आऊँगा जब तुम्हारी महफिल में ,
निगाहें तुम्हारी सिर्फ मुझ पर ठहर जायेगी।

देखेंगे जब सब तुम्हारे होंठो पर हल्की-सी हँसी,
महफ़िल में हमारी मोहब्बत ही चर्चा बन जायेगी।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

महफ़िल

संवर कर आऊँगा जब तुम्हारी महफिल मे, निगाहें तुम्हारी सिर्फ मुझ पर ठहर जायेगी। देखेंगे जब सब तुम्हारे होठो पर हल्की-सी हँसी, महफ़िल मे हमारी…

Responses

+

New Report

Close