बुरा नहीं हूँ मैं
सख्ती से नहीं नरमी से पेश आएंगे किसी के प्यार में हम यह भी कर जाएंगे। यूं तो बुरे नहीं हैं हम साहब पर किसी के मार्गदर्शन में हम और सुधर जाएंगे। »
सख्ती से नहीं नरमी से पेश आएंगे किसी के प्यार में हम यह भी कर जाएंगे। यूं तो बुरे नहीं हैं हम साहब पर किसी के मार्गदर्शन में हम और सुधर जाएंगे। »
मैं शिक्षक हूँ संसार में ज्ञान फैलाता हूँ अपनी कलम की धार को अपने साहित्य की तलवार बनाता हूँ। तुम जी लो तुम्हारे लिए यह नया मन्ज़र है मैं तो हर मन्ज़र के उस पार एक समंदर बनाता हूँ। 🌹🌹शुभ रात्रि🌹🌹🎑 »
मैं सिर्फ अपने हुनर की पैमाइश करता हूँ नुमाइश नहीं करता। सभी के साथ मोहब्बत से पेश आता हूँ पक्षपात नहीं करता। »
अजब-गजब से लोग हैं! ना जाने क्यों इंसानियत से इतना जलते लोग हैं कुछ होश में हैं तो कुछ बेहोश हैं। मगर कुछ मगरूर होकर अपनी ही धुन में बेहोश हैं। »
प्यार जताने की बात वह करते हैं जो अक्सर दिल जलाया करते हैं। होठों पर रखते हैं गुलाब और हाथों में जहर का प्याला लिए रहते हैं। »
सिसकते जज्बात हँसने लगे तुम्हें देखकर न जाने ऐसा क्या था तुममें! जो मेरी बिखरी जिंदगी को तुमने दो पल में ही समेट लिया। और ऐसा समेटा कि मैं कभी फिर बिखर ना सका। टूटा तो बहुत बार पर कभी संभल ना सका। »
तुझे मैं भूल नहीं सकता तू मेरा पहला प्यार है तू ही मेरा इकरार है तू ही मेरा इज़हार है मैं तुझे भूल नहीं सकता तू मेरा पहला प्यार है तू मेरी मंजिल है तू ही मेरी राह है तू तो जानती है मुझे तेरी कितनी परवाह है मैं तुझे भूल नहीं सकता तू मेरा पहला प्यार है। »
मैं लिखता हूँ रात भर कविता तू सुबह पढ़ कर खुश होती है। मैं जब कभी हँसता हूँ खुशियों में मुझे तू हँसता देख कर रोती है। »
ख्वाइशें पूरी करूंगा मैं तेरी आखिरी दम तक साथ निभाऊंगा तेरा धरती से फलक तक »
बेफिक्र बचपन और जिन्दगी है न्यारी, थोड़ी शरारत और साँवली सूरत है प्यारी। मम्मी की गुड़िया और पापा की दुलारी, रहती उनके दिल में बनकर राजकुमारी। ख्वाहिशें हुई हैं पूरी चाहे जितनी हो गरीबी, भूल से भी माँ बाप ने न जाहिर की मजबूरी। जिन्दगी के बंजर रैम्प पर वह कैटवॉक करती, यह नन्ही-सी मॉडल सबको है नि:शब्द करती।’ रचनाकार:- अभिषेक शुक्ला ‘सीतापुर’ »
प्यारे बच्चों, प्यारे बच्चों आओ मेरे पास, दूर वहाँ क्यों बैठो हो तुम हो क्यों इतने उदास? आओ मिलकर पाठ पढ़ें कुछ सीखें नयी बात, मिल जुलकर हम साथ रहें और मन में हो विश्वास। प्यारे बच्चों ….. सुबह उठो जल्दी से तुम और बोलो सबको शुभ प्रभात, बस्ता लेकर स्कूल चलो तुम सब ले हाथों में हाथ। प्यारे बच्चों….. नित्य कर ईश्वर की प्रार्थना, कर्त्तव्य मार्ग पर डटे रहो, कोई भी कठिनाई आये पर तुम पीछे न क... »
सूरज की किरणें भी सुबह-सुबह कयामत ढा रही हैं, पूछ रही हैं, कैसे हैं वो? जिनकी तुम्हें याद आ रही है। »
बुरा उन्हें कहूँ तो ये बिल्कुल गलत बात होगी……. शायद मैं ही बुरा हूँ तो उनसे मुलाकात क्यों होगी..? »
जरूरत पड़ने पर आज मुकर गये हो तुम, जमाने की तरह कितना बदल गये हो तुम। दोस्त!ये मंजर भी गुजर जायेंगे किसी तरह से, पर आज चुप रहकर बहुत दर्द दे गये हो तुम।। »
गरीब की कब्र पर कहाँ कब दीप जलते हैं , रेगिस्तान में आसानी से कहाँ फूल खिलते हैं। चाँद-तारों की ख्वाहिश तो महल वाले रखते हैं हम जुगनू हैं अपनी फिजाओं के….हम तो खुद से ही खुद को रोशन रखते हैं।। »
आरज़ू नहीं रखता कि पूरी कायनात में मशहूर हो शक्सियत मेरी। जनाब! आप जितना जानते हो सच में उतनी ही है पहचान मेरी।। »
तेरी सारी सच्चाई जानता हूँ मैं पर तेरी खुशी की खातिर मुझे अनजान बनना अच्छा लगता है। मैं चाहता हूँ तू अपने मुंह से अपनी सच्चाई बता! तुझे बेवफा बुलाना ना मुझे खराब लगता है। »
सच बोलने वालों की जहां में कदर नहीं होती इमानदारों के पास मखमल की चादर नहीं होती। सो जाते हैं वह तो धूप की चादर बिछाकर उनके सपनों में पंखों की उड़ान नहीं होती। »
शाम से ढूंढती थी मैं तुझको तू न जाने कहाँ खो गया मैं तुझे प्रेम की धरती समझती थी तू नफ़रत का आसमान हो गया। »
संकल्प लें कि समाज में शिक्षा का संदेश फैलाएंगे, बेटा हो या बेटी सभी को एक साथ पढ़ाएंगे। »
झुकी हुई नज़रें उतनी ही हसीन लगती हैं, जितना खुली हुई शराब की बोतल। »
नारी का सम्मान करो हर पल आने ना दो उसकी आँखों में आँसू, ना धन चाहे ना दौलत चाहे वह तो है प्रेम-पिपासु। »
तुम्हारे सपनों में कोई आता है क्या? तुम्हारे ख्वाब कोई सजाता है क्या? जिस तरह मैं तुम्हारे आगे बिना गलती घुटने टेक देता हूँ उस तरह तुम्हें कोई प्यार जताता है क्या? »
यह विपक्ष की कैसी राजनीति? अपने आप ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारते हैं। अपने नेताओं की फोटो खुद ही फाड़ते हैं और जब उनके नेता दूसरी पार्टी में जाते हैं तो ताने सरकार को मारते हैं। कांग्रेस मुक्त भारत कांग्रेस के सहयोग से »
ख्वाब सो जाते हैं छत पर जब तू उदास होता है। जब तू मुस्कुराता है तो सुकून पास होता है। काव्य सौंदर्य:-मानवीकरण »
तेरी मोहब्बत में कुछ यूँ हुआ असर एक-एक पल शताब्दियों सा लगता है। »