सको तो चलो………..
हमारे साथ कदम से कदम मिला चल सको तो चलो
के इस इश्क़ में कुछ देर ठहर सको तो चलो
बहुत ही हौसला चाहिए, इस दिल की निगेबानी करने को
अगर तुम इसकी पहरेदारी कर सको तो चलो
सफर लंबा है ज़रा, मंज़िल-ऐ-वाम तक का
बे-सरो-सामान निकल सको तो चलो
यादों से लवरेज़ है दिल मेरा, खता मेरी नहीं
तुम इसकी हर बात समझ सको तो चलो
रात की ख़ामोशी और अजीब सा सन्नाटा भी
तुम इन सब से निकल सको तो चलो
सफर-ऐ-आम नहीं ये, औरो की तरह
खुद को गुमनाम कर सको तो चलो
इस सफर में कुछ दुश्मनो से भी मुखातिभ होंगे
तुम ये ख़ंज़र रख सको तो चलो
है पता है हमको बहुत से सवाल है तुम्हारे ज़हन में
इन सब के जवाब अगर तुम सुन सको तो चलो
कदम-कदम पर सबब-ऐ-परेशानी का मंज़र है
तुम संभल-संभल कर गर चल सको तो चलो
वादा किया है तुमने साथ निभाने का
गर साथ सही से निभा सको तो चलो……………….!!
D K
Jai ho