सुकूं का बदन आज खस्ता बहुत है
सुकूं का बदन आज खस्ता बहुत है !
लुटेरों का दुनिया में दस्ता बहुत है !!
है सब कुछ यहॉ पर अभावों का ताना !
मिले कुछ नही पर व्यवस्था बहुत है !!
सुकूं का बदन आज खस्ता बहुत है !
लुटेरों का दुनिया में दस्ता बहुत है !!
है सब कुछ यहॉ पर अभावों का ताना !
मिले कुछ नही पर व्यवस्था बहुत है !!
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