मुक्तक
अगर है शौक़ कविता का तो ये उलझन ज़रूरी है ! किसी के प्यार में क़ुरबान हो जीवन ज़रूरी है !! कई एक रोज़ से…
अगर है शौक़ कविता का तो ये उलझन ज़रूरी है ! किसी के प्यार में क़ुरबान हो जीवन ज़रूरी है !! कई एक रोज़ से…
सुखों का रास जो रच ले वही मधुवन ज़रूरी है ! लबों की प्यास जो रख ले वही सावन ज़रूरी है !! बहुत हम बंट…
प्रीति जलती है आग की तरह ! और बजती है राग की तरह !! प्रेम की फ़स्ल आज के इंसा ! काट देते हैं साग…
सामूहिकता से मिटे दुनिया के हर शूल ! निजता में सब बांटके करते भारी भूल!!
हजारो लोग तम लेकर, निगलने दौड़ पड़ते हैं ! अगर एक ज्योति हल्की सी, कहीं दिखलाई पड़ती है
सुकूं का बदन आज खस्ता बहुत है ! लुटेरों का दुनिया में दस्ता बहुत है !! है सब कुछ यहॉ पर अभावों का ताना !…
पाप पुण्य कुछ भी नही, ऐसा हुआ जहान! पैसा ही भगवान है पैसा ही ईमान !!
आजकल देवता और दनुज कुछ नही ! ज्येष्ठ भ्राता सखा या अनुज कुछ नही !! एक दूजे को सब लूटने पर लग गए ! अब…
गांव गांव में नगर नगर में बीमारी ! यज्ञ हवन में धूप अगर में बीमारी !! निजपूँजी के हवस ने ऐसा कर डाला! वही लुटेरी…
जिसको प्यार सिखाया मैने ! राह सही दिखलाया मैने !! आज वही है जान का दुश्मन ! अपना जिसे बनाया मैने !!
कोई अपना बनाना चाहता है! मुझे दिल से लगाना चाहता !! जीस्त को देके गहरा प्यार यारो! मुद्दतो फिर भुलाना चाहता है!!
मन तुम्हारा गीत सा , पावन सुरीला ! तन मधुर मकरंद से, आवेष्टित ! भाव का भ्रम जाल है, चारो तरफ! कामनाओं से भरी, मनुहार…
सॉझ को आखिर सुख का सवेरा कब तक लिक्खूं ! उजियारे को घोर अंधेरा कब तक लिक्खूं !! चारो तरफ है घोर निराशा फिर भी…
जब तक रहेगा हिंदू मुसलमान जहॉ में ! रोयेगा फूट फूट के इंसान जहॉ में!! आओ गिरा दें मजहबी दीवार जहॉ से ! हो जाय…
कुछ लोग कह रहे हैं ज़माना बदल गया ! नज़रें बदल गई हैं निशाना बदल गया !! मुद्दत की अपनी लाश है पहचानिए ज़रा !…
वर्ष कलैंडर शाल हैं बदले ! किंतु न अपने हाल हैं बदले !! नये साल का शोर करो मत ! पेड़ों ने बस छाल हैं…
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