हासिल कुछ भी
हासिल कुछ भी नहीं नफरतों से
क्यों खेलते हो फिर जज्बातों से
जब इंसा ही इंसा का दुश्मन हो
क्या मिलेगा किसी को इबादतों से
राजेश’अरमान’
हासिल कुछ भी नहीं नफरतों से
क्यों खेलते हो फिर जज्बातों से
जब इंसा ही इंसा का दुश्मन हो
क्या मिलेगा किसी को इबादतों से
राजेश’अरमान’
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.
behatreen lines
thanx
nice bro!
thanx
Good
Nice one