“ख़ामोशी” #2Liner-106 Ankit Bhadouria 8 years ago ღღ__कह तो सब दूँ “साहब”, पर कभी ख़ामोशी भी पढ़ा करो; . वैसे भी मोहब्बत में, हर बात, कहने की नहीं होती!!……#अक्स