ღღ__ज़िन्दगी भी कुछ ऐसे ख्याल में गुजरी;
जैसे शब्-ए-फुरकत किसी मलाल में गुजरी !!
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जिसमें इश्क़, हो जाता है बे-वजह;
वो उम्र तो बस, अभी हाल में गुजरी !!
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क्यूँकर हसीन सपने, देख लेती है आँखें;
हकीक़त तो अक्सर, किसी सवाल में गुजरी !!
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तन्हाईयों की उम्र भी कितनी अजीब है;
रोज़-ओ-शब् बस एक ही हाल में गुजरी !!…… #अक्स