Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं अकेला….
मैं अकेला था अकेला हूँ अकेला रह गया, ज़िन्दगी की धूप छाँव सब खुशी से सह गया। टूटा हूँ पत्ते सा क्यूँकि मेरी सूखी डाली…
मैं अकेला ही चलूँगा
मैं अकेला ही चलूँगा । शीश पर तलवार मेरे, पाँव में अंगार मेरे, या काटूँ या फिर जलूँगा । मैं अकेला ही चलूँगा ।। तुम…
डरता हूं
बढती हुई कट्टर हिंदुओं की अराजकता पर कुछ लाइनें अब बाहर निकलने से भी मैं डरता हूं अपनी गोल टोपी पहनने से डरता हूं…
वनवास की असहज यात्रा पर आर्यन ( गीत )
अब आर्यपुत्र आर्यन सिंह का हृदय सांसारिक वस्तुओं से हटकर बैराग्य की तरफ आकर्षित होने लगा सो उन्होने विशुद्ध सरल भावनाओं को लेखनी के माध्यम…
कविता :- वो अकेला हैं
वो अकेला हैं , इसलिए साथ चाहिए , जो समझ सके , उसके हालत, उसकी पीडा । वो किसान हैं, वो अन्नदाता हैं , कोई…
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