अच्छा लगे
बात इस दिल की दिल में रख लो तो अच्छा लगे,
सपनों में ही सही मुलाकात रखलो तो अच्छा लगे,
देखकर तुमको मैं ज्ञानी गूढ़ भी मूढ़ ही हो जाता हूँ,
सुनो बातों की तुम्हीं शुरुवात करलो तो अच्छा लगे,
तकलीफें बहुत हैं ज़माने में कदम कदम पर जाना,
मेरे हाथों में तुम्हीं अपना हाथ रख लो तो अच्छा लगे।।
राही अंजाना
क्या बात क्या बात
धन्य
Wah wah
बेहतरीन रचना
वाह
👏👏