अपना क्या है
जीवन में अपना क्या है,
एहसासों का सपना जो है,
खट्टी-मीठी यादों की जाल,
और कुछ सुनहरे भविष्य की आस,
मन में संजोए जीने की प्यास,
बुनते हम नित्य नए अरमानों के जाल ,
जीवन में अपना क्या है,
सोते -जगते सपनो की खान,
नित्य कर्मों में भरते प्राण. ,
अरमानों की हवाई उड़ान,
बनी रहे ज़ज्बातों की शान,
जीवन में अपना क्या है,
चंद साँसो में उलझी जान,
बुझी-अनबुझी सी प्यास,
ख्यालों के भँवर में रमती,
बनती- बिगड़ती आस,
जीवन में अपना क्या है,
एहसासों का सपना जो है ।।
Responses