अब नई रोशनी आई है,
बीती रात अंधेरे की
अब नई रोशनी आई है,
मेरी कलम मेरे आगे इक
नया विधेयक लाई है।
कहती है अपनी वाणी से
ऐसी कविताएं लिखना
जिसने नव उत्साह जगे,
बस ठेस किसी को मत देना,
अपनी राहों में चलना
सदमार्ग निरंतर अपनाना,
जितना भी हो सके स्वयं से
सम्मानित सबको करना।
चार दिनों का चार रात का
जीवन है, जाता है बीत
चार दिनों के बीच प्रेम का
बीजारोपण कर जाना।
प्रेम सार है इस जीवन का
प्रेम को मत मिटने देना,
अपनी कविताओं से अब तू
प्रेम का परचम लहराना।
बहुत सुंदर विचार
धन्यवाद सर
सुंदर भाव
Sunder