अब नई रोशनी आई है,

बीती रात अंधेरे की
अब नई रोशनी आई है,
मेरी कलम मेरे आगे इक
नया विधेयक लाई है।
कहती है अपनी वाणी से
ऐसी कविताएं लिखना
जिसने नव उत्साह जगे,
बस ठेस किसी को मत देना,
अपनी राहों में चलना
सदमार्ग निरंतर अपनाना,
जितना भी हो सके स्वयं से
सम्मानित सबको करना।
चार दिनों का चार रात का
जीवन है, जाता है बीत
चार दिनों के बीच प्रेम का
बीजारोपण कर जाना।
प्रेम सार है इस जीवन का
प्रेम को मत मिटने देना,
अपनी कविताओं से अब तू
प्रेम का परचम लहराना।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

वाणी

मानव का गहना है वाणी, वाणी का भोगी है प्राणी । मधुर वचन है मीठी खीर, कटु वचन है चुभता तीर । सद वचन है…

Responses

+

New Report

Close