अहंकार
उन दरख्तों को हमने उखड़ते देखा है।
जो तूफान में तन कर खड़े होते हैं।
तूफान का झुककर जो सम्मान नहीं करते,
वो जमीन पर उखड़ कर पड़े होते हैं।
इंसानों को भी टूट कर बिखरते देखा है,
जो झूठे अहंकार में जकड़े होते हैं।
अक्सर तन्हा रह जाते हैं वो इंसान,
खुद की नजर में जो दूसरों से बड़े होते हैं।
बद हालातों में जो खुदा को याद नहीं करते,
उनसे ‘देव’ खुदा भी मुंह मोड़े होते हैं।
देवेश साखरे ‘देव’
वाह
शुक्रिया
Nice
Thanks
Nice
Thanks
Wahhh
Thanks
वाह
Thanks
Nice