Categories: शेर-ओ-शायरी
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मुतासिर
बन्द कर लो बेशक ऑंखें मर्ज़ी तुम्हारी सही, तुम्हारी आँखों से मुतासिर आँखें हमारी सही।। राही अंजाना मुतासिर – प्रभावित
हम उस देश के वासी है ।।
हम भारत के वासी है, संस्कृति हमारी पहचान है । सारी जहां में फैली हुई, हमारी मान-सम्मान है । सादगी है हमारी सबसे निराली, अजब…
नज़र ..
प्रेम होता दिलों से है फंसती नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…
जब हम सहेलियां जब मिलती हैं
कहते है ना! दोस्ती कभी स्पेशल लोगो से नही होती, दोस्ती जिनसे हो जाती है वह लोग ही स्पेशल हो जाते है। जब हम सहेलियां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
Awesome
आभार
Waah
Good