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आज कुछ लिखने को जी करता है

आज कुछ लिखने को जी करता है
आज फिर से जीने को जी करता है
दबे है जो अहसास ज़हन में जमाने से
उनसे कुछ अल्फ़ाज उखेरने को जी करता है

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