इश्क़

इश्क़ यदि है हक़ीकत तो मैं सारी उम्र जागूँगा।

मगर यदि इश्क़ सपना है तो मुझको सोया रहने दो।

ज़माना इश्क़ को आशिक़ को अक्सर ग़लत कहता है।

ज़माने की किसे परवा, कहे जो उसको कहने दो।

घटाओं सा हवाओं सा इश्क़ उड़ता है बहता है।

इश्क़ फूलों की खुशबू सा फ़िज़ा में इसको बहने दो।

फ़साना आशिक़ी का है ये दिलवाले ही समझेंगे।

दीवानों को समझने दो दीवानों को ये कहने दो।

इश्क़ यदि है…!

_________________

–शिवकेश द्विवेदी

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close