उधार की जिंदगी

तुझसे है नाता
विश्वास न आता
इक पास आता
दूजा दूर जाता
दूर रहकर भी
कहां चैन आता
शादी लड्डु जैसे
खाकर है पछताता
अब ताकता राह
नये पंछियों की
जो देख सुनकर
भी न सीख पाता
परानी राहों पर
पैर को जमाता
उधार की जिंदगी
उधार में गंवाता
कहां सीखता कोई
सब सिखा जाता
भ्रम‌ भरी दुनियां
किसे सीखना आता

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

पुनर्विवाह (Part -2)

पुनर्विवाह (Part -2) विवाह संस्कार अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण हैं, किसी भी महिला के लिए विधवा होने के दर्द से बड़ा दर्द, दुनिया में…

Responses

  1. कहां सीखता कोई
    सब सिखा जाता
    भ्रम‌ भरी दुनियां
    किसे सीखना आता
    _________ अनुभव सब कुछ सिखा देता है यही सुंदर संदेश दिया है कवि राजीव रंजन जी ने अपने इस कविता में, बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

+

New Report

Close