Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: शायरी
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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✍?(अंदाज)?✍ —–$—– ✍ जिंदगी मे व्यवहार जिंदा रखिए जिंदगी मे सुसंस्कार जिंदा रखिए रूठना मनाना क्रम है जीवन का रूठकर भी नेह धार जिंदा रखिए…
मुझमें अभी तक तू ज़िंदा है
मुझमें अभी तक तू ज़िंदा है मेरी तन्हाई में,मेरे एहसास में मेरी हर सांस में अभी तक ज़िंदा है तू ——————-‐— दिल की ज़मी में…
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
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